अपने शर्द्ध्ालुओं से कहना चाहता हूं - " यह चरण छूने का मौसम नहीं, लात मारने का मौसम है । मारो एक लात और कर्ांतिकारी बन जाओ । -- हरिशंकर परसाई
इस जल पर्लय में
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