असत्याभास के बारे में बातचीत.....
- रुस्सेल्ल(Russell) असत्याभास: "O is a member of O, if and only if, O is not a member of O." This is known as Russell's paradox. " 'क' सदस्य है 'क' का, अगर 'क' सदस्य नही है 'क' का "। शायद आपको ये पढ़ कर नही सही लग रहा होगा पर अगर आप थोडा समुच्चय सिद्धांत का अध्यन करें तो पता चलेगा कि ये बातें सही हैं। बाद में रुस्सेल्ल ने अपने एक आलेख में इसका हल भी बताया। अगर आप वो आलेख पढना चाहते हैं तो मुझे पत्र लिखिए। यह आलेख JSTOR पे उपलब्ध है... Mathematical Logic as Based on the Theory of Types
- जनम्दीन(Birthday) असत्याभास: अगर हम २३ लोगों का यादृच्छिकता से(randomly) चयन करते हैं तो हमेशा ५० % प्रायिकता(सम्भावना) होगी कि २ लोगों का जनम्दीन एक हिन् होगा । ५० लोगों के समुह में प्रायिकता ९७ % और १०० लोगों के लिए तो ये बढ कर ९९.९९९६ % तक पहुच जाती है । है ना अस्चार्य वाली बात । अगर आप ज्यादा जानना चाहते हैं इस बारे में तो गूगल में खोजिये ना "Birthday Paradox".
आने वाले समय में और भी हम बातें करेंगे ऐसे हिन् अन्य प्रसिद्ध प्रायिकता के बारे में । अपने विचार जरुर प्रस्तुत किज्येगा इस आलेख के बारे में कैसा लगा आपलोगों को.......
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