Saturday, April 25, 2009
मौत के मुँह से बचाएँ...
रामालक्ष्मी फिलहाल CMC वेल्लोर में हैं और भगवन का लाख-लाख शुक्र है की उनका HLA टेस्ट का सैम्पल उनके भाई के सैम्पल से match हो गया है. तो donor नहीं मिलने की समस्या तो ख़त्म हो गयी है पर वहीँ एक बुरा समाचार भी हैं ...रामालक्ष्मी के फेफङे में एक प्रकार का संक्रमण हो गया जो अगर समय रहते इलाज नहीं हुआ तो पुरे शरीर में फ़ैल सकता है ...और फिर बचना मुश्किल हो जायेगा .
इस से बचने का एक हिन् रास्ता है की उनका जल्द से जल्द BMT करवाया जाये .
BMT करवाने का पूरा खर्च तो तक़रीबन १२ लाख है पर शुरुआत करने के लिए कम से कम २ लाख अभी जल्द - से-जल्द चाहिए...
भगवान ने तो अपना काम HLA मैच ढूंढ कर कर दिया अब बाकी काम हम इंसानों के वश का है ....
तो आप क्या चाहते हैं एक व्यक्ति पैसे के अभाव में केवल अकाल मृत्यु का शिकार हो जाए ....अगर नहीं तो कृपया आगे आयें और सहयोग करें .
और ज्यादा जानकारी के लिए ये ब्लॉग देखें : http://saveramalakshmi.blogspot.com/
you can also send your contribution directly to CMC, vellore .
Send your DD or cheque in favour of
"The Treasure, Christian Medical College, Vellore "
On the back of DD/ Cheque please write the following details:
Patient name: G. Ramalakshmi
Patient Number: 430307-D
Your timely act can save some one life....please come forward...
Friday, April 17, 2009
आज बातें २ वेबसाइट के बारे में ...
पहली वेबसाइट है : http://www.indianblooddonors.com/
यहाँ आप अपने रक्त के ग्रुप और contact detail रजिस्टर कर सकते हैं और फिर जरूरतमंद लोग आपको संपर्क कर सकते हैं. दूसरी सुविधा इस वेबसाइट पर ये भी है की आप यहाँ अपना request पोस्ट कर सकते हैं और शायद कोई आपका request देख कर आपसे संपर्क करें....मैं तो कहूँगा आप बुकमार्क कर लें इस वेबसाइट को हर दिन सुबह एक बार देखिये और पता कीजये आज कहीं आपके शहर में किसी को आपके ब्लड ग्रुप के ब्लड की जरुरत तो नहीं है...अगर है और आप देने में इच्छुक है तो जायिए और उनकी मदद कीजये....
दूसरी वेबसाइट है : http://www.givemedicines.org/
जैसा की अक्सर होता है डॉक्टर साहब बहुत सारा दवा लिखे देते हैं और फिर अंत में दवा ख़त्म होने से पहले हम भले-चंगे हो जाते हैं और फिर बची हुई दवा का आप क्या करते हैं? अक्सर ये बची दवाएं बर्बाद हो जाती है ..
तो आप इन बची दवाओं से किसी गरीब की जान बचा सकते हैं अरे हाँ भाई मैं मजाक नहीं कर रहा हूँ...आप इस वेबसाइट पर दिए गए किसी भी NGOं को अपनी बची हुई दवाएं दे सकते हैं और वो इन दवाओं को जरुरत के मुताबिक गरीबों के ये दवा दे सकते हैं ....
इस मुहीम को ज्यादा-से-ज्यादा सफल बनाने के लिए हमें २ काम करना होगा:
पहला की जो दवा ले उसका expiry date नोट कर के रखें और हो सके तो सबसे आखिर में आप expiry date लिखा हुआ हिस्सा इस्तेमाल करें . ये बहुत जरुरी है की हम expiry date का ध्यान रखें .
और दूसरा आप इस वेबसाइट से ज्यादा-से-ज्यादा अच्छे NGOsं को जोडें ....
तो बताईएगा कैसा लगा जानकार इन दोनों वेबसाइट के बारे में ...आप भी जुड़े इस मुहीम से और अपने मित्रों अवं रिश्तेदारों को भी जोडें...
प्यार बाटते चलो...
Tuesday, April 14, 2009
भारत ने अज़लान शाह कप जीता पर ...
पर अफ़सोस तो बस इस बात का है की चुनाव में व्यस्त नेतागण इतना तक भूल गए की हॉकी टीम को बधाई दी जाए ...यही अगर मामला क्रिकेट का होता तो अभी करोडों रुपयों की इनाम राशि की घोषणा हो जाती ...केंद्र राज्य सर्कार सभी इसके लिए आगे आते ....
इस तरह का दोगला बर्ताव करने के बाद लोग बोलते हैं की हॉकी और अन्य खेल में भारत अच्छा नहीं करता है ...तो बतायिए ना कैसे करे अच्छा....है की नहीं यह एक यक्ष प्रशन ?
खैर छोडिये इन बातों को और पढिये विस्तार से भारतीय जीत के समाचार को ....
साभार: BBC हिंदी सेवा
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भारत ने चौथी बार अज़लान शाह हॉकी कप जीता है |
भारत ने चौथी बार अज़लान शाह हॉकी प्रतियोगिता जीती है. इससे पहले भारतीय टीम 1985, 1991 और 1995 में विजेता रही थी.
इसके अलावा भारत 2006 में और 2008 में इस प्रतियोगिता के फ़ाइनल में पहुँचने में सफल रहा था.
भारत ने घरेलू दर्शकों के ज़बर्दस्त समर्थन के बीच खेल रही मलेशिया की टीम के ख़िलाफ़ शानदार प्रदर्शन किया.
आठवें मिनट में बढ़त
भारत ने मैच के आठवें मिनट में मलेशिया पर ज़ोरदार हमला बोला और अर्जुन हलप्पा के गोल की बदौलत 1-0 की बढ़त हासिल कर ली.
लेकिन भारतीय टीम इस बढ़त को ज़्यादा समय तक कायम नहीं रख सकी और तीन मिनट बाद ही अज़लॉन मिज़रॉन ने गोल दागकर मेज़बान टीम को बराबरी पर ला दिया.
शुरुआती बढ़त गँवाने के बावजूद भारतीय खिलाड़ियों ने हौसला नहीं खोया और विपक्षी खेमे पर दबाव बनाए रखा. बीसवें मिनट में भारत के प्रभजोत सिंह ने गोल लिया और भारत ने मलेशिया पर 2-1 की बढ़त हासिल कर ली.
मध्यांतर तक भारतीय टीम 2-1 से आगे थी.
मध्यांतर के बाद भी आक्रामक
मध्यांतर के बाद पाले तो बदले, लेकिन भारतीय खिलाड़ियों के जीत के इरादे पहले से ज़्यादा मज़बूत थे.
मेज़बान टीम जहाँ बराबरी का गोल दागने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही थी, वहीं भारतीय खिलाड़ियों ने भी अपना आक्रामक खेल जारी रखा.
शिवेंद्र सिंह ने भारत के लिए तीसरा गोल दागा और ये मैच का आख़िरी गोल साबित हुआ.
इससे पूर्व, भारत ने सेमीफ़ाइनल में अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 2-1 से शिकस्त दी थी.