Thursday, July 02, 2009

पांडिचेरी से बिहार तक सत्य बोलने वालों की एक हिन् सजा होती है ...

पांडिचेरी से बिहार तक सत्य बोलने वालों की एक हिन् सजा होती है ...

अपने देश में सत्य बोलने वालों का एक हिन् अंजाम होता है और वो है मौत और गुमनामी ...

एक नहीं अनगिनत लोग भरे पड़े हैं :

किसकी बात करूँ सत्येन्द्र दुबे जी की या मंजुनाथ जी की या फिर कुछ दिन पहले मरे योगेन्द्र पाण्डेय जी की ....वही कहानी दुहरायी जा रही है हर जगह . और हाँ अगर आपलोग सोचते हैं की CBI जाच से कुछ न्याय मिलेगा तो ये आपकी सबसे बड़ी भूल है ...ऐसी शहादतों ं को CBI चोरी और लूट का केस बना कर ख़तम कर देती है ...

बहुत गुस्सा आता है इस व्यवस्था पर, जिसका मैं भी एक अंग हूँ ....और अपनी अक्रमंयता पर भी...


और हाँ हम जनता भी कितना याद करते हैं इनको, एक दिन के अन्दर हिन् सब भूल जाते हैं ...मीडिया के पन्नों से भी इन लोगों का नाम यूँ हिन् तुंरत गायब हो जाता है ...

क्या करूँ बहुत असहाय महसूस करता हूँ ...पर कुछ तो करना है ...

1 comment:

Chandan said...

यहां एक ईमानदार आदमी को,
अपनी ईमानदारी का मलाल क्यों है?
जिसने सच कह दिया,
उसका बुरा हाल क्यों है?
~ सुदामा पाण्डेय ‘धूमिल’