Tuesday, July 07, 2009

एक और ...

जी हाँ ये है रांची के वन विभाग के अधिकारी अनिल कुमार सिंह जी , जिन्होंने अपने हिन् विभाग के कुछ कर्मचारियों का काला चिट्ठा खोलने का प्रयास किया और हुआ क्या वही जो शाश्वत सत्य है "मौत" . एक नजर डालें The Telegraph की रिपोर्ट पर

दैनिक हिंदुस्तान की प्रस्तुति :

शनिव्ाार को अपराधियों ने राजधानी में पुलिस चौकसी के तमाम दाव्ाों को धता बताते हुए डोरंडा में सरशाम व्ान वि्ाभाग के एक रेंज ऑफिसर (रेंजर) को गोलियों से भून डाला। व्ान मुख्यालय से महज चंद फासले की दूरी पर इस घटना को अंजाम दिया गया। सामने जैप का मुख्यालय, डाकघर और पचास गज की दूरी पर ही रांची आइजी का सरकारी आव्ाास है। सरकारी कर्मियों, पुलिस और सुरक्षा जव्ाानों का यहां हमेशा जमाव्ाड़ा रहता है। हत्यारे घटना को अंजाम देने के बाद आराम से फरार हो गए। अंधेरे में तीर मार रही पुलिस हत्यारों का सुराग नहीं लगा पाई है। सूत्रों के मुताबिक व्ान वि्ाभाग में करोड़ों की ठेकेदारी हत्या की एक व्ाजह हो सकती है। इधर, अपने साथी रंज्ार की हत्या से व्ानकर्मी काफी गुस्से में हैं। रवि्ाव्ाार को संघ की आपात बैठक बुलाई गई है। इसमें आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी। जानकारी के मुताबिक व्ान्य प्राणी प्रमंडल में बिल्डिंग वि्ाभाग के रेंज ऑफिसर अनिल कुमार सिंह हर दिन की तरह शाम करीब 6.30 बज्ो दफ्तर से अपनी मारुति व्ौन (संख्या बीआर-01-सी-0922) से लालपुर के आर्या होटल के समीप मोदी कांप्लेक्स स्थित घर के लिए निकले थ्ो। दफ्तर से सौ गज्ा की दूर ही घात लगाए अपराधियों ने उनपर दो गोलियां चलाईं। एक गोली अनिल सिंह के पंज्ारा में एव्ां दूसरी बायें हाथ के केहुनी को चीरती हुई पार निकल गयी। डाकघर के समीप होटल में बैठे लोगों ने गोली की आव्ााज्ा सुनी और उसी दिशा में दौडे। इनमें से कई व्ानकर्मी थ्ो। उन्होंने देखा कि रें’ा ऑफिसर अनिल सिंह व्ौन में खून से लथपथ पड़े हैं। उन्हें तत्काल मेन रोड के राज्ा अस्पताल ले ज्ााया गया। व्ाहां से उन्हें रिम्स भ्ोज्ा दिया गया। रिम्स में ज्ाांच के बाद डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। स्व्ा. सिंह मूल रूप से बिहार के सोनपुर के रहनेव्ााले थे। पटना के लोहानीपुर में भी उनका आव्ाास है।

1 comment:

L.Goswami said...

shrmnaak ...par yahi jharkhand ki niyati hai.