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हाँ मुझे इंग्लिश नही आती ...
आजाद हुए हमे ६० साल से ज्यादा हो गया पर भाषा की गुलामी से अभी तक हम छुटकारा नहीं पा सके हैं । मुझे किसी भाषा से कोई परहेज नही है , पर हाँ लोगों की गुलाम मानसिकता से जरुर मन दुखी होता है । पूरे भारत का यही हाल है , अगर आप को इंग्लिश भाषा का ज्ञान नही है तो लोग आपको अव्वल दर्जे का बेवकूफ समझते हैं । ये लोग अभी भी गुलाम हैं अंग्रेजो के नही अंग्रेजी के ... खास कर के जब हमारे सरकारी महकमे के लोग भी ऐसा करते हैं तो मन और दुखी हो जाता है । आप किसी भी सरकारी दफ्तर में जाईए और हिन्दी या अपनी क्षेत्रीय भाषा में बात कीजये तो वो आपकी बात सीधे मुँह नहीं सुनेगें । और जनाब जरा इंग्लिश में बात करके तो देखिये कैसे वो आपको सलाम ठोकने लगेंगे .....बस अगर कोई काम करवाना है तो आप एक सवाल का जवाब दीजिये , क्या आप हैं अगर जवाब है हाँ , तो इस देश में हो जाएगा आपका काम आसन , जनाब लोग देंगे आपको सम्मान , आपकी बढेगी शान .....
ये है इंडिया मेरी जान !!!
1 comment:
ठीक कहा जनाब, भाषा कोई बुरी नहीं होती, लेकिन गुलाम मानसिकता से उबरना होगा, अपनी मिट्टी अपनी भाषा को छोड़कर तरक्की किसी काम की नहीं
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