आज से ६ साल पहले आज के हिन् दिन सत्येन्द्र दुबे जी की निमर्म हत्या कर दी गयी थी . आज भी उनकी आत्मा न्याय के लिए तड़प रही होगी....क्या इस देश में ऐसे वीर सपूतों को न्याय मिलेगा कभी...या उनका बलिदान व्यर्थ हिन् जाएगा...और भविष्य में जो भी सत्य के पथ पर चलेगा उसे ऐसा धमकाया जाएगा की "देखें नहीं थे की सत्येन्द्र दुबे का क्या हाल हुआ था, तुम्हारा भी वही हश्र होगा " .
मैं जब भी इन विषयों के ऊपर सोचता हूँ तो अपने आप को बहुत निसहाय मह:सूस करता हूँ ...देश में न्याय प्रणाली के ऐसे हालत होने के बाद भी हमारे प्रधानमंत्री देश से हजारो मिल दूर बैठ कर देश के "जनतंत्र" पर गर्व फरमाते हैं ...
खैर छोडिये इन बातों को ...
अभी पिछले दिनों मैंने फिर से प्रयास किया था की सत्येन्द्र दुबे जी के केस में कुछ किया जाए . शैलेश गाँधी जी के article से प्रभावित होकर मैंने एक RTI PMO में डाला पर उसका कोई जवाब नहीं आया ..
कुछ व्यक्तिगत समस्याओं में उलझने के कारन फिर उसका अपील नहीं कर पाया . वैसे आप सभी को बता दूं की शैलेश गाँधी एक बड़े RTI एक्टिविस्ट थे, पर अब वो एक सरकारी मुलाजिम(मुख्य सूचना अधिकारी ) हो गए हैं ...और जब मैंने उनसे इस केस में मदद मांगी तो उन्होंने साफ़ मना कर दिया ...
अभी भी CBI के वेबसाइट पर इस केस का पूरा अपडेट उपलब्ध नहीं है. आप एक नजर यहाँ डालें
आखिरी समाचार मीडिया में इस केस से जुडा २३ जून २००८ को आया था . इस केस से जुडा आरोपी फरार हो गया है ...ऐसे केस से जुड़े आरोपी को तो फरार करना हिन् पड़ता है, इसमें नया क्या है ...
मुझे पता नहीं उनके परिजन किस हालत में हैं, ...कभी इकषा है इस बारे में पता करून. देखिये कब हो पाता है ...
कुछ और ब्लॉग पर सत्येन्द्र जी की चर्चा है , एक नजर वहां भी डालें ...
ईमान मर नहीं सकता (एक कविता सत्येन्द्र दुबे जी को समर्पित ) केशवेन्द्र कुमार की तरफ से