अपने शर्द्ध्ालुओं से कहना चाहता हूं - " यह चरण छूने का मौसम नहीं, लात मारने का मौसम है । मारो एक लात और कर्ांतिकारी बन जाओ । -- हरिशंकर परसाई
प्रशान्त के ब्लोग पर आपके बारे में पढ़ा था.. शुभकामनाऐं इस आयोजन के सफल होने के लिये..
bahut-bahut aabhar Albela ji aur Ranjan ji...Guneshwar.
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प्रशान्त के ब्लोग पर आपके बारे में पढ़ा था.. शुभकामनाऐं इस आयोजन के सफल होने के लिये..
bahut-bahut aabhar Albela ji aur Ranjan ji...
Guneshwar.
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