Thursday, October 23, 2008

कहाँ गया पवन ?

पवन नाम है उस लड़के kaजिसका बाप पुरी जिंदगी मेहनत करके पढाया और इस लायक बनाने की कोशिश में था की वो उसके बुढापे की लाठी बन सके , माँ की इच्छा थी की बेटा पढ़ लिख कर दो पैसे कमाएगा तो एक पक्का मकान बनाएगा ....पर कहाँ अब मकान और कहाँ किसी ka सहारा उनके बुढापे के सहारे को लूट लिया दरिंदो ने ....कौन हैं ये दरिन्दे या हैं हमारे parjatantra के नेता जो बस जानते हैं
"फ़ुट डालो और राज करो " ....कब तक ये नेता अपना मतलब साधने के लिए आम जनता ka इस तरह मजाक उडाते रहेंगे....जब तक हम अशिक्षा और बेरोजगारी के मारे रहेंगे ये ऐसे फायदा उठाते रहेंगे ....अंग्रेज तो चले गए पर उनकी निति अभी भी यहाँ चल रही है हाँ ये अलग बात है की अब एक भारतीय दुसरे भारतीय पर इसका इस्तेमाल कर रहा है .....

जागरण में छपा ये समाचार पढ़ें पवन के बारे में :

Oct 21, 11:56 pm

बिहारशरीफ/पटना। मुम्बई में मनसे कार्यकर्ताओं के हाथों मारे गए पवन का शव मंगलवार को अपराह्न लगभग 4.30 बजे उसके पैतृक गांव बाराखुर्द लाया गया। सर्वदलीय शोक सभा के लिए पहले शव वाहन को बिहाशरीफ लाया जाना था, लेकिन उपद्रव की आशंका को देख पुलिस ने नूरसराय में ही उसे रोक दिया। इससे स्थानीय लोगों व पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। आखिरकार शव वाहन बाराखुर्द ले जाया गया। यहां एक घंटे ठहरने के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए फतुहा ले जाया गया। साथ में नालंदा पुलिस की एस्कार्ट पार्टी भी गई। मृतक के पिता जगदीश महतो ने कहा है कि वह बुधवार को मनसे प्रमुख राज ठाकरे व उसके कार्यकर्ताओं के खिलाफ बिहारशरीफ कोर्ट में हत्या का मुकदमा दर्ज कराएंगे।

पवन का शव पहुंचते ही लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। अभाविप व छात्र जदयू ने मनसे प्रमुख राज ठाकरे का पुतला फूंका और इस कृत्य की भ‌र्त्सना की। इस बीच, दैनिक जागरण में छपी खबर का संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने मृतक के परिजनों को डेढ़ लाख की सहायता राशि दिए जाने की घोषणा की है। उधर, पटना में एयरपोर्ट पर ताबूत में बंद अपने इकलौते बेटे के शव को देखकर पिता जगदीश कुमार बिलख पड़े। एयरपोर्ट पर पवन के पिता के साथ चाचा अमर कुमार और बाराखुर्द के दो दर्जन से ज्यादा लोग मौजूद थे। ग्रामीणों ने राज ठाकरे पर हत्या का मुकदमा चलाए जाने तथा महाराष्ट्र में प्रतियोगी परीक्षाओं के आयोजन पर रोक लगाए जाने की मांग की। इधर, नूरसराय में मृत पवन की एक झलक पाने को आतुर भीड़ को ताबूत देखकर संतोष करना पड़ा। शव के बाराखुर्द पहुंचते ही माहौल गमगीन हो गया। ग्रामीण आक्रोशित थे, और घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल था। बाराखुर्द पहुंचने वाले विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने पवन के शव पर माल्यार्पण कर संवेदना जताई। नेताओं ने केन्द्र व महाराष्ट्र सरकार से राज ठाकरे के खिलाफ देशद्रोह व हत्या का मुकदमा चलाए जाने की मांग की। इससे पहले, शव लेने एयरपोर्ट पहुंचे विधायक श्रवण कुमार ने घटना का सीधा दोष केंद्र सरकार पर मढ़ते हुए महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि बार-बार बिहारियों पर हमला होने के बाद भी केंद्र सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।

25 वर्षीय पवन विज्ञान विषय से स्नातक करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था। इसी सिलसिले में रेलवे की परीक्षा में शामिल होने मुंबई गया था। वैसे उसका एलआईसी में सेलेक्शन हो चुका था। पिता श्री कुमार पहले एक सिक्यूरिटी एजेंसी में गार्ड की नौकरी करते थे। एलआईसी में सेलेक्शन के बाद पवन ने उन्हें आगे नौकरी करने से मना कर दिया था। भर्राये गले से श्री कुमार ने बताया कि वह कहता था कि अब मैं काम करुंगा, आप घर पर रह कर आराम करिए। ईश्वर ने मुझे यह कैसा दंड दिया। एयरपोर्ट पर मौजूद पवन के चाचा अमर भी अपने आप पर काबू नहीं रख पा रहे थे। उन्होंने कहा कि आखिर मुंबई में उससे किसी को क्या दुश्मनी हो सकती थी? वह तो किसी से ऊंचे स्वर में बात भी नहीं करता था। श्री कुमार ने बताया कि गांव में पवन की मां की हालत बेहद नाजुक है। वह खबर मिलने के बाद से ही बार-बार बेहोश हो रही हैं।

1 comment:

PD said...

कल या परसों एक खबर में मैंने देखा था कि मुंबई पुलिस कोर्ट में इस बात से मुकर गई कि स्टेशन पर कोई मारपीट की घटना हुई थी.. शायद पवन को स्टेशन पर किसी के भूत ने मारा होगा..