किसी रोते हुए को हँसाने का नशा
किसी भूखे को खाना खिलाने का नशा
किसी बाढ़-पीड़ित को सहायता पहुचाने का नशा
किसी अनपढ़ को पढाने का नशा
किसी बुजुर्ग की लाठी बन्ने का नशा
किसी दलित को उसका सामाजिक हक़ दिलाने का नशा
किसी अर्धसत्य वर्ग वाले को मुख्या धारा में लाने का नशा
समाज में जो आ गए हैं हाशिये पर उन्हें फ़िर से मुख्यधारा में लाने का नशा
अपना निज जीवन सर्वस्व पर लुटाने का नशा
हाँ-हाँ यही है मेरे जीवन का नशा
किसी भूखे को खाना खिलाने का नशा
किसी बाढ़-पीड़ित को सहायता पहुचाने का नशा
किसी अनपढ़ को पढाने का नशा
किसी बुजुर्ग की लाठी बन्ने का नशा
किसी दलित को उसका सामाजिक हक़ दिलाने का नशा
किसी अर्धसत्य वर्ग वाले को मुख्या धारा में लाने का नशा
समाज में जो आ गए हैं हाशिये पर उन्हें फ़िर से मुख्यधारा में लाने का नशा
अपना निज जीवन सर्वस्व पर लुटाने का नशा
हाँ-हाँ यही है मेरे जीवन का नशा
-गुनेश्वर आनंद
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