Saturday, June 21, 2008

डूबते को NIOS ka सहारा


अभी-अभी सभी परीक्षाओं के परिणाम रहे हैं और बहुत सारे बोर्ड के परिणाम तो भी गए हैं ऐसे में एक तरफ़ तो जश्न का माहौल होता है, जुनके बच्चे अच्छे प्राप्तांक लाते हैं उनके घर में जश्न का माहौल होता है, बच्चों को बहुत प्रोत्साहन मिलता है पर वहीँ दुसरे जगह जो बच्चे कुछ कारणों से अनुत्रिन हो जाते हैं उनके साथ समाज में बहुत बुरा व्यव्हार किया जाता है, जो की बहुत ग़लत है हम और आप किसी भी बच्चे की बूढी और ज्ञान को मात्र एक परीक्षा के प्राप्तांक पर नही तौल सकते हैं जरुरत है की अभिभावक अनुत्रिन बच्चों को सही तरीके से सहयोग करें, उनका हौसला बढायें... जाने ऐसे कितने लोग हैं जो एक बार किसी परीक्षा में अनुत्रिन होने के बाद भविष्य में बहुत अच्छा कम किया हो, उनके बारे में बच्चों को बताएं

फिलहाल मैं एक जानकारी सब अनुत्रिन विद्यार्थियों और अभिभावकों को देना चाहता हूँ अगर आपका बच्चा इस वर्ष फ़ैल हो गया है और आप उसका साल बिगाड़ना नहीं चाहते है तो उसका एक विकल्प है : NIOS (राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान)



NIOS में एक सुविधा है "On demand exam" . यह सुविधा हर बोर्ड के बच्चे के लिए उपलब्ध है १०विन और १२विन में अनुत्रिन हुए बच्चे इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं इस परीक्षा का परीक्षाफल - हफ्ते के अन्दर जाता है, तो इस तरह से आपका साल बर्बाद होने से बच जाएगा और हाँ NIOS की डिग्री का मान्यता पुर भारतवर्ष के हर कॉलेज से है तो आप इसके लिए परेशान हों । तो क्यों ना इस सुविधा का लाभ उठाया जाए : http://www.nios.ac.in/on-demand.htm

परीक्षा की तैयारी में आप विलंब करें , पुरा course material ऑनलाइन उपलब्ध है


आप अपने आस-पड़ोस में इस बात की जानकारी लोगों को दें वैसे NIOS के ऊपर अलग से एक पोस्ट लिखने की जुरत है वो कभी बाद में ...

Wednesday, June 18, 2008

लोक कवियों की वाणी

आज जब हम आपस में जाती-पाती, धर्म, क्षेत्रीयता और ना जाने किन-किन कारणों से आपस में हर रोज उलझतेरहते हैं, कभी-कभी तो हम एक दुसरे का खून भी बहा जाते हैं तो कौन हमें सही मार्ग दिखायेगा, तो मुझे लगता है कीहमारे पुराने ज़माने के लोक कवि और उनकी कवितायेँ हिन् हमें सही राह पर ले जा सकती हैं

संत कबीर की वाणी :

मोकों कहाँ ढूंढे बन्दे, मैं तो तेरे पास में
ना मैं देवल ना मैं मस्जिद, ना काबे कैलाश में
ना तो कौनो क्रिया-कर्म में, नही योग बैराग में
खोजी होय तो तुरतै मिलिहों, पल भर की तलास में
कहैं कबीर सुनो भाई साधो, सब सवांसो की स्वांस में

प्रसिद्ध कश्मीरी लोक कवियत्री Lal Ded के कुछ वाख देखिये लल्लेश्वरी जी भी कबीर जी के जैसा हिन् कुछकह रही हैं ....
()
थल-थल में बसता है शिव हिन् ,
भेद कर क्या हिंदू-मुस्लमान
ज्ञानी है तो स्वयं को जान
वाही है साहिब से पहचान
()
खा-खाकर कुछ पायेगा नहीं ,
खाकर बनेगा अहंकारी
सम खा तभी होगा संभावी ,
खुलेंगी साँकल बंद द्वार की

कवियत्री Lal Ded के बारे में ज्यादा जानने के लिए आप यहाँ देखें ....




Monday, June 02, 2008

चिन्च्पोड़ त्रासदी ( Chinchpod Disaster)

चिन्च्पोड़ ग्राम मध्य भारत के महराष्ट्र प्रदेश के यवतमाल जिले में अवस्तिथ है २४ मई की दोपहर जब चिन्च्पोड़ ग्राम के लोग आराम कर रहे थे तो अचानक से एक छोटी सी झोपडी में आग लग गई, और उस आग की चपेट में घंटे के भीतर पुरा गावँ गया, देखते हिन् देखते सारे के सारे घर इस आग के चपेट में गए इन गरीबों का आशियाना इनसे भगवान ने छीन लिया, ऐसे में इनके लिए भगवान् का रूप बन कर आए बाबा आमटे के सुपुत्र श्री विकाश आमटे और उनकी संस्था, इन सभी लोगों ने मिलकर इनके रहने और खाने का इन्तजाम किया है, और अब इनके पुनर्वास कार्यक्रम की योजना भी चला रहे हैं ऐसे में हमारा भी कुछ फर्ज बनता है , जो भी थोड़ाबहुत सम्भव हो आप अपना सहयोग "ग्रामीण विकाश प्रकल्प " संस्था तक जरुर पहुचाएँ

कुछ तस्वीरें इस हादसे की और कैंप
की


ज्यादा जानकारी और मदद के लिए निचे दिए गए पते पर सम्पर्क करें :
For more information and donation please contact :

The Assistant Secretary,
Maharogi Sewa Samiti, Warora
At & Post : Anandwan - 442914
Tahsil : Warora
Phone: +91-7176 - 282034 / 282425
E-mail : anandwan[at]gmail[dot]com
Please replace [at] by @ and [dot] by .


तो देर किस बात की मेरे दोस्तों जो बनता है वो करें इन गरीब भाई बहनो के लिए , विकास आमटे जी और उनकी
संस्था तो पहले से हिन् इस काम में लगी है, अब हमारा फर्ज बनता है की हम भी यथासंभव विकास आमटे जी का सहयोग करें ताकि वो इस कार्य को सफलतापूर्वक कर सकें ....

और हाँ हमारे न्यूज़ चैनल वालों के लिए ये ब्रेकिंग न्यूज़ नहीं था क्योंकि ये तो गरीबों की दास्ताँ हैं मेरे दोस्त , अगर
धनाढ्य लोगों का कुत्ता भी गुम हो जाए तो ब्रेकिंग न्यूज़ बन जाता है, धन्य है हमारी मीडिया ......

"ग्रामीण विकास प्राकल्प" के तरफ़ से आम जनता से सहयोग की अपील : English और Marathi में


Sunday, June 01, 2008

दक्कन की रानी को ७८वेन् जन्मदिन की ढेरों बधाईयाँ ...

१ जून १९३० को "दक्कन की रानी" ने पुणे से मुम्बई के बिच सफर करना शुरु किया था, और उस दिन से आज तक ये अनवरत चलती हिन् जा रही है । यह गाड़ी साक्षी है कितने क्रितिमानों का, इसने सेवा की कितने विद्यार्थियों की, कितने हिन् कर्मचारियों को हर दिन सुबह मुम्बई ले जाती है और पुनः शाम को वापिस उनके घर पुणे छोड़ने आती हैं , सब कुछ किस निस्वार्थ भाव से करती है मेरी दक्कन की रानी , ये ना तो किसी धर्म ना हिन् किसी जाती का भेदभाव करती है, ते तो सबको बराबर का सम्मान देती है, कितनी समझदार है.... और एक हम मानव जाती के लोग कुछ भी नहीं सीखते इससे, आए दिन करते हैं दंगा धर्म के नाम पे, पिटते हैं लोग दलितों को जाती के नाम पे, कुछ तो सीखो इस "दक्कन की रानी " से मूढ़ मानव ....

आज "दक्कन की रानी " का ७८वान् जन्मदिन हैं । इस अवसर पर हमारी ओर से ढेरों बधाईयाँ, ऐसे हिन् दक्कन की रानी अपने जीवन में आगे बढ़ते रहे और लोगों को भी जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देते रहे, हमारी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं ।

अगर आपने आज तक "दक्कन की रानी " से सवारी नहीं की है तो एक बार जरुर कीजये । मैं पहली बार पिछले वर्ष इसी दिन पुणे से मुम्बई की यात्रा "दक्कन की रानी" से की थी । हम सभी दोस्त मिलकर इसका जन्मदिन भी मनाये थे , और मुम्बई में विविध भारती में अपनी मुलाकात यूनुस जी से भी हुई थी, यूनुस जी से मुलाकात की बातें कभी बाद में, फिलहाल तो कुछ और जानकारी "दक्कन की रानी " के बारे में ।


ट्रेन न. ट्रेन नाम दिनांक चलने के दिन
2124 डेक्कनक्वीन 02/06/2008 सोम मंगल बुध गुरु शुक्र शनि रवि
क्र.स. स्टेशन कोड स्टेशन नाम रूट न. आगमन समय प्रस्थान समय दूरी दिन टिपण्णी
1 PUNE पुणे जं. 1 आरंभिक स्टेशन 07:15 0 1
2 LNL लोनावला 1 08:08 08:10 64 1
3 DR दादर 1 10:11 10:13 183 1
4 CSTM मुंबई सीएसटी 1 10:30 गंतव्य 192 1

कुछ तस्वीरें


पुराने ज़माने के सूचना पटल पर "दक्कन की रानी " का नाम इस तस्वीर में आप देख सकते हैं।



"दक्कन की रानी" का ७५वान् जन्मदिन

पिछले वर्ष के जन्मदिन की तस्वीर,
इस नाचीज को अपनी आखों से रूबरू ये मंजर देखने का मौका मिला था ।

अगर इस वर्ष के समारोह में आपने भाग लिया है, तो इसके बारे में जरुर बतायिएगा । कुछ तस्वीरें यहाँ वहां से दूंध के पहले से मेरे पास जमा थी इसलिए उसका उचित सन्दर्भ मैं यहाँ नहीं डाल पा रहा हूँ उसके लिए खेद है ।