बिनायक सेन जैसे ना जाने कितने सामाजिक कार्यकर्ता जेल की चक्कियां पिस रहे हैं . कल का सर्वोच्च न्यायालय का फैसला काफी सुकून देने वाला रहा ... वरना हर चीज से विश्वास उठता जा रहा था ...
क्या देश है, कहीं कोई करोड़ों का घोटाला खुलेआम कर रहा है फिर भी उच्च पद पर कायम है, किसी विश्वविद्यालय का कुलपति खुलेआम उलटे-सीधे काम कर रहा है फिर भी पद पर कायम है , और तो और कसाब जैसे लोगों को भी जेल में अच्छी खासी सुविधा उपलब्ध है . पर अगर आप कोई सामाजिक कार्य कर रहे हैं तो आपकी खैर नहीं है ... आपने ये गलत धंधा चुना क्यों, सरकार इसके सख्त खिलाफ है... अब बिनायक सेन क्यों CMC वेल्लूर से पढाई करने के बाद गरीबों के इलाज में अपना जीवन बर्बाद किये ...
जरा एक नजर बिनायक बाबु द्वारा किये गए गुनाह पर डालें : (साभार : दैनिक भास्कर )
- जेल में बंद नारायण सान्याल द्वारा विनायक सेन को लिखा गया पोस्टकार्ड। इस पर जेल अथॉरिटी की मुहर लगी हुई थी। इसमें स्वास्थ्य व मुकदमे के बारे में लिखा हुआ था।
- जेल में बंद मदन लाल बंजारा(सीपीआई-एम के सदस्य) द्वारा सेन को लिखा गया पत्र।
- एक बुकलेट, जिसमें सीपीआई (पीपुल्स वार) और माओवादी कम्युनिस्ट सेंटर के एकता के बारे में लिखा हुआ था।
- 4 पन्ने के पत्र की फोटोकॉपी। एंटी-यूएस इंपिरियलिस्ट फ्रंट गठित करने संबधी बातें थी।
- अंग्रेजी में लिखे हुए लेख की फोटो कॉपी। इसका शीर्षक था ‘नक्सल मूवमेंट, ट्राइबल्स एण्ड वूमेंस मूवमेंट’।
ऐसे कई मामले पिछले दिनों आयें हैं ... ये अलग बात है आज के TRP वाले मीडिया के दौर में ऐसे समाचारों की कोई अहमियत नहीं होती है .
कुछ और बिनायक
--> सुधीर ढवले
--> सीमा आजाद
--> लक्ष्मण चौधरी
और कई लोगों को तो सीधा ऊपर का रास्ता हिन् दिखाया जाता है ...
कुछ और समाचार लिंक इस विषय से जुड़े आप देखें :
ये लो राजद्रोह, वो लो राजद्रोह
और तीसरी दुनिया के जनवरी अंक को पढना ना भूलें ...