Friday, July 18, 2008

राष्ट्रीय प्रतिभा खोज (NTSE) परीक्षा - 2009

NCERT के द्वारा हर वर्ष राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा आयोजित की जाती है । ८विन में पढने वाले विद्यार्थी इस परीक्षा में सम्मिलित हो सकते हैं । ज्यादा जानकारी के लिए NCERT की वेबसाइट देखें ।

इस परीक्षा में जो भी उतरीं होंगे उन्हें हर महीने ५०० रूपये की छात्रवृति मिलेगी । अफ्फोस ये है की इस योजना ka लाभ गरीबों और जरूरतमंद बच्चों तक नही पहुच पाता है । इस योजना का लाभ सभी बड़े-बड़े घर के बच्चें हिन् उठाते हैं, जिन्हें इस छात्रवृति की कोई जरुरत नही होती है । अब आप हिन् बताये की DPS, DAV और ऐसे हिन् बड़े-बड़े विद्यालयों में पढने वाले बच्चों को क्या जरुरत है ५०० रूपये महीने के छात्रवृति की , उनके अभिभावक तो हर महीने हजारों रूपये विद्यालय में tuition fee के रूप में जमा करते हैं....

अब आवस्यकता इस बात की है की इस छात्रवृति योजना को कैसे जरुरतमंदों तक पहुचाया जाए ।
सबसे पहले तो हमें अपने आस-पास के सरकारी विद्यालयों में इसकी जानकरी देनी चाहिए और अपने आस-पास के गरीब बच्चों को प्रोत्साहित करें इस परीक्षा में शामिल होने के लिए ।

दूसरी मदद हम बच्चों को इस परीक्षा की तयारी में कर सकते हैं , क्योंकि इन गरीब बच्चों के पास ना हिन् कोई so called coaching classes की सुविधा होगी ना हिन् private tutor होंगे । तो हम युवा इस में महतवपूर्ण किरदार निभा सकते हैं ....

और आखिर में एक आग्रह है उनलोगों से जो अपने बच्चों को private school में पढा रहे हैं और उनके पढाई का खर्च उठाने में सक्षम हैं तो कृपया करके अपने बच्चे को इस परीक्षा में शामिल ना करवाएं अगर किसी गरीब को ये पैसा मिलेगा तो वो भी थोड़ा पढ़ा लेगा और देश का नाम रोशन कर सकेगा आपका बच्चा तो बिना इस छात्रवृति के भी पढ़ हिन् लेगा .....

और हाँ अगर आप NTSE के बारे में और ज्यादा जानना चाहते हैं या फ़िर कोई भी समस्या इस से सम्बंधित हो तो मुझसे संपर्क करें , यथासंभव मदद करने की कोशिश करूंगा ।

Saturday, July 12, 2008

भगवान का आरक्षण

सब जगह लोग आरक्षण की बात कर रहे हैं, पर भगवान के आरक्षण की बात कोई कर हिन् नही रहा है, ये बड़ी नाइंसाफी है भाई ... आपलोग भगवान को आरक्षण से हटा नही सकते हैं। मैं तो कहता हूँ इसके बारे में भी संसद में परिचर्चा होनी चाहिए और पुरे-पुरे ५० % आरक्षण होना चाहिए, हो सके तो ज्यादा भी क्योंकि आज तक सारे भगवन केवल अगड़ी जाती और ब्राहमणों(नाम के लिए ) ka काम करते आए हैं । ये सरासर अन्याय हैं ....कोई तो आवाज उठाओ सब पार्टियां सो गई हैं क्या ?

आप सभी जरा अपने विचारों से हमें अवगत कराएँ.....इस विषय पर आगे भी चर्चा जारी रहेगी । पोल में अपना मत देना ना भूलें ....