Saturday, February 26, 2011

नो स्मोकिंग इन कैम्पस... एक भद्दा मजाक

इस देश में जो भी नियम बनते हैं केवल नियम के लिए हिन् बनाये जाते हैं... २००८ में ये नियम आया की किसी भी सार्वजनिक स्थल पर धूम्रपान करना वर्जित होगा.. जो इसका उल्लंघन करेंगे उन्हें २०० का दंड देना होगा .

और हो क्या रहा है जरा एक नजर देखें ...
सबसे पहले शैक्षणिक स्थलों का जायजा लिया जाए . आप देश के किसी भी प्रसिद्ध संस्थान में जाएँ वहां आपको कैम्पस में बच्चे खुलेआम फूंकते हुए नजर आ जायेंगे ... बच्चे तो बच्चे शिक्षकगण भी शामिल पाए जायेंगे . खुद इस मुद्दे पर पत्रिका में लिखेंगे नियम बनायेंगे और फिर खुद उल्लंघन करेंगे ... फिर ऐसे नियम बनाये हिन् क्यों जाते हैं . आप जायिए IIM अहमदाबाद उसके दरवाजे पर हिन् आपको धुम्रपान की सारी सुविधा मिल जायेगी. आप जायिए NIFT गांधीनगर, उसके कैम्पस से ५० मीटर की दुरी पर सब उपलब्ध होगा ... बहुत हिन् मन खिन्न हो जाता है ऐसे दृश्य को देख कर. अभी मैं भी एक कॉलेज में पढ़ा रहा हूँ .. चाह कर भी कुछ नहीं कर पाता हूँ .


ऐसे न जाने कितने नियमों का उल्लघन हमारी आँखों के सामने होते रहता है और हम मूकदर्शक बनकर देखते रहते है ...

ऐसे नियम तो बस एक मजाक हिन् हैं और क्या हम कह सकते हैं ...